Description
- वक्री ग्रह क्या है
- राहु और केतु कब मार्गीय हो जाते हैं और इसके क्या परिणाम होते हैं।
- वक्री ग्रह (बुध, मंगल, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, केतु) के प्रभाव क्या हैं
- ग्रह एक वक्री ग्रह की राशि में होने पर कैसे व्यवहार करते हैं
- जब किसी भाव का भावेश वक्री होता है तो उसके प्रभाव क्या होते हैं
- वक्री ग्रह की दशा का फल
- अस्त ग्रह क्या है, कब ग्रह सचमुच अस्त होते हैं
- क्या कभी ग्रहों का अस्त होना फायदेमंद होता है
- अस्त ग्रह के प्रभाव (चंद्रमा, बुध, मंगल, बृहस्पति, शुक्र, शनि)
- महा विपरीत राज योग (यह कैसे बनता है और इसके फल)
मुख्य बिंदु :
दिनांक – 4 अक्टूबर और 11 अक्टूबर 2020, रविवार
भाषा: हिंदी
माध्यम: ज़ूम
समय: सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक (प्रत्येक सत्र में 2 घंटे)
रिकॉर्ड किए गए सत्र सभी प्रतिभागियों को उपलब्ध कराए जाएंगे।
शिक्षक: श्री वी पी गोयल
संपर्क: www.anuradhasharda.com, +91 9111415550