Description
अध्य्यन विषयवस्तु
D-30/त्रिशांश एक कुंडली है जो आपके भाग्य या दुर्भाग्य को इंगित करता है। ऋषि पराशर जी इस कुंडली को
सभी भविष्यवाणियों के लिए उपयोग करने की सलाह देते हैं। विवाह संबंधी भविष्यवाणियां इस वर्ग कुंडली के
साथ बहुत सटीक रूप से की जा सकती हैं क्योंकि यह शादी से होने वाली समस्याओं और खुशी को दर्शाता है।
जीवन की कोई भी घटना D-30 से पुष्टि के बिना नहीं हो सकती।
1. त्रिशांश के भावों का अर्थ
2. पराशरी त्रिशांश
3. भाग्य या दुर्भाग्य
4. दुर्भाग्य को दूर करने के उपाय
5. कैसा गुजरेगा आपका जीवन (सुखी,दुखी या मिश्रित)
6. चक्रीय त्रिशांश
- चक्रीय त्रिशांश कुंडली बनाने की विधि
- जीवन का आरम्भ सम्पन्नता से या दरिद्रता से
- जीवन में सम्पन्नता आएगी या नहीं
- सम्पन्नता या दरिद्रता की आयु
7. D-30 में चन्द्रमा का महत्व
8. D-30 में सूर्य की भूमिका
9. D-30 से जन्म समय ठीक करना (BTR)
10. विवाह और D-30
- शीघ्र विवाह
- सुखी या दुखी वैवाहिक जीवन
- पति-पत्नी में किसकी पहले मृत्यु होगी
- तलाक होने के योग
- अविवाहित होने के योग
11. D-30 में दशा एवं गोचर
भाषा: हिंदी
पाठ्यक्रम की अवधि: 2:30 घंटे
वेबीनार की रिकॉर्डिंग purchase के 24 घंटे के अंदर भेजी जाएगी
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